• Aangan Gayab Ho Gaya | Kailash Gautam

  • Feb 13 2025
  • Length: 2 mins
  • Podcast

Aangan Gayab Ho Gaya | Kailash Gautam

  • Summary

  • आँगन गायब हो गया | कैलाश गौतम


    घर फूटे गलियारे निकले आँगन गायब हो गया

    शासन और प्रशासन में अनुशासन ग़ायब हो गया ।


    त्यौहारों का गला दबाया

    बदसूरत महँगाई ने

    आँख मिचोली हँसी ठिठोली

    छीना है तन्हाई ने

    फागुन गायब हुआ हमारा सावन गायब हो गया ।


    शहरों ने कुछ टुकड़े फेंके

    गाँव अभागे दौड़ पड़े

    रंगों की परिभाषा पढ़ने

    कच्चे धागे दौड़ पड़े

    चूसा ख़ून मशीनों ने अपनापन ग़ायब हो गया ।


    नींद हमारी खोई-खोई

    गीत हमारे रूठे हैं

    रिश्ते नाते बर्तन जैसे

    घर में टूटे-फूटे हैं

    आँख भरी है गोकुल की वृंदावन ग़ायब हो गया ।


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