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  • Enlarged mesenteric lymph nodes treatment | पेट के आंतों की सूजन का इलाज | lymph nodes ka best ilaj
    Jul 7 2025
    १) बच्चों में मेसेंट्रिक लिम्फ नोड्स (Mesenteric Lymph Nodes) अधिक क्यों दिखाई देते हैं?मेसेंट्रिक लिम्फ नोड्स छोटे-छोटे लिम्फ ग्रंथि होती हैं जो की आंतों के आसपास की मेसेंट्री नामक झिल्ली में होती हैं।- इनका मुख्य काम शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करना और संक्रमण से लड़ना होता है।- बच्चों में ये लिम्फ नोड्स कई बार अल्ट्रासाउंड या अन्य जांचों में सामान्य से बड़े दिखाई देते हैं, जिसे mesenteric lymphadenitis कहा जाता है।यह स्थिति अक्सर चिंताजनक नहीं होती लेकिन इसके कारण और लक्षणों को समझना आवश्यक होता है।* 1. बच्चों की प्रतिरक्षा प्रणाली का विकासशील होना बच्चों की प्रतिरक्षा प्रणाली अभी विकास के चरण में होती है। इसलिए जब कोई वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण होता है, तो शरीर की रक्षा प्रणाली तुरन्त सक्रिय हो जाती है।- मेसेंट्रिक लिम्फ नोड्स इन संक्रमणों के प्रति बहुत जल्दी प्रतिक्रिया करते हैं और सूज जाते हैं।- इसका मतलब यह है कि ये लिम्फ नोड्स ठीक से कार्य कर रहे हैं, न कि कोई गंभीर बीमारी का संकेत।2. वायरल संक्रमण— सबसे सामान्य कारण बच्चों में मेसेंट्रिक लिम्फ नोड्स के बढ़ने का सबसे नार्मल कारण वायरल का संक्रमण होता है, जैसे की , एडेनोवायरस , रोटावायरस , एंटरोवायरसये वायरस पेट में दर्द, डायरिया, उल्टी और बुखार जैसे लक्षण पैदा करते हैं, जो "पेट की वायरल बीमारी" के रूप में सामने आते हैं। लिम्फ नोड्स इस वायरस से लड़ने में सक्रिय हो जाते हैं और सूज जाते हैं।3. गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल का संक्रमणआंतों में होने वाले जीवाणु संक्रमण , या बैक्टीरिया के कारण आंतों की सूजन (gastroenteritis) होती है, जिससे मेसेंट्रिक लिम्फ नोड्स बड़ा हो सकते हैं।- कई बार यह स्थिति एपींडिसाइटिस की नकल करती है क्योंकि दोनों में पेट के निचले दाएं हिस्से में दर्द होता है।4. टॉन्सिलिटिस और ऊपरी श्वसन संक्रमणकई बार बच्चों में गला खराब होना, टॉन्सिल का बढ़ना या सर्दी-खांसी जैसे संक्रमण भी शरीर के अन्य लिम्फ नोड्स के साथ-साथ मेसेंट्रिक लिम्फ नोड्स को भी प्रभावित करते हैं।- ये सभी लिम्फ ग्रंथियाँ आपस में ही जुड़ी होती हैं और संक्रमण के प्रति एकजुट होकर प्रतिक्रिया देती हैं।5. अनावश्यक जांचआजकल डॉक्टर किसी भी पेट दर्द की शिकायत में अल्ट्रासाउंड की सलाह देते हैं। इस वजह से ...
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  • Peptic ulcer : symptoms, causes, diet and treatment Peptic ulcer Disease treatment| पेप्टिक अल्सर
    Jul 5 2025

    १) पेप्टिक अल्सर क्या होता है ?
    पेप्टिक अल्सर गंभीर पाचन का रोग है, जिसमें पेट की अंदरूनी परत, छोटी आंत के पहले भाग, या कभी-कभी इसोफेगस की परत में घाव बन जाते हैं।
    - यह घाव अम्ल और पाचन एंजाइम के संपर्क में आने के बाद में दर्द, जलन, गैस, जैसे लक्षण दिखाई दे सकते है.
    * पेप्टिक अल्सर दो प्रकार के होते हैं?
    १) गैस्ट्रिक अल्सर – ये तो पेट की परत में होता है.
    २) ड्यूओडेनल अल्सर – जो छोटी आंत के ऊपरी भागो में होता है.
    इस लेख में हम पेप्टिक अल्सर के इलाज, घरेलू उपाय, जीवनशैली में बदलाव और रोकथाम के उपायों पर बात करने वाले है।
    २ ) पेप्टिक अल्सर के मुख्य कारण क्या होते है?
    - H. pylori बैक्टीरिया का संक्रमण
    - अत्यधिक पेनकिलर का उपयोग करना।
    - धूम्रपान और शराब का सेवन करना से - ज्यादा मानसिक तनाव
    - मसालेदार भोजन
    ३) पेप्टिक अल्सर का लक्षण क्या होता है?
    * भूख न लगना : अल्सर के कारण खाने की इच्छा भी कम हो। * वजन का घट जाना : दर्द या खाने की अनिच्छा के कारण वजन भी कम हो जाता है। * पेट का फूल जाना : पेट में गैस और सूजन हो जाने से पेट फूल जाता है * मतली और उल्टी * उल्टी में खून का आना : गंभीर मामलों में, उल्टी में खून आ सकता है.
    ४) पेप्टिक अल्सर का जीवनशैली में बदलाव
    - धूम्रपान सेवन बंद करना - शराब से दूर रहना - भोजन को अच्छे से बार बार चबाकर खाना
    - खाली पेट में एसिड का स्तर ज्यादा होता है
    - रात में खाना खाने के बाद में तुरंत नहीं सोना - तनाव से बचें। - तेल-मसाले, और चाय-कॉफी का सेवन कम करना।
    ५ . भोजन में क्या खाना चाहिए ?
    - दलिया, उबली सब्जियां ,खिचड़ी। - दही, केला, सेब, पपीता
    - नारियल पानी पीना अच्छा होता है
    *क्या नहीं खाना चाहिए ?*
    - बासी भोजन ,तीखा खाना नहीं खाना चाहिए। - सोडा, कोल्ड ड्रिंक
    - टमाटर, सिरका जैसे खट्टे खाद्य

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  • Mesenteric lymph nodes : symptoms, causes, diet, diagnosis and treatment | मेसेंट्रिक लिम्फ नोड्स
    Jul 4 2025

    १) मेसेन्टेरिक लिम्फ नोड्स क्या हैं?
    मानव शरीर पेट में एक पतली झिल्ली होती है जो की ,आँतों को पेट की दीवार से जोड़कर रखती है।
    - इसी झिल्ली में लिम्फ नोड्स होते हैं जिन्हें मेसेन्टेरिक लिम्फ नोड्स भी कहते है।
    - इनका कार्य यह होता है की ,आँतों के माध्यम से आने वाले हानिकारक बैक्टीरिया, वायरस या अन्य संक्रमणकारक तत्वों को पहचानकर शरीर की रक्षा करना।
    जब भी कोई संक्रमण पेट के क्षेत्र में होता है, तो ये लिम्फ नोड्स एक्टिव हो जाते हैं और सफेद रक्त कोशिकाएं उत्पन्न करके संक्रमण से लड़ते हैं। इस दौरान इन नोड्स में सूजन आ सकती है।
    २) मेसेन्टेरिक लिम्फ नोड्स होने के प्रमुख कारण क्या है?
    - वायरल संक्रमण : यह स्थिति वायरल संक्रमण, खासकर के गैस्ट्रोएन्टराइटिस के कारण होती है.
    यह संक्रमण पेट और आंतों को भी असर करता है।
    - बैक्टीरियल से भी मेसेन्टेरिक लिम्फ नोड्स में सूजन आ सकती है।
    - एपेंडिसाइटिस की नकल : कई बार इसके लक्षण एपेंडिसाइटिस से मिलते-जुलते होते हैं, जिससे सही पहचान करना मुश्किल हो सकता है।
    - टीबी
    - अन्य बीमारियाँ - क्रोहन रोग
    ३) मेसेन्टेरिक लिम्फ नोड्स के क्या लक्षण हो सकते है ?
    - हल्का बुखार होना
    - मतली या उल्टी
    - कब्ज
    - थकान या कमजोरी
    - कुछ मामलों में वजन का कम हो जाना
    ४) मेसेन्टेरिक लिम्फ नोड्स के निदान कैसे होता है ?
    डॉक्टर निम्नलिखित जाँचों का सहारा लेते हैं जैसे की ,
    - शारीरिक परीक्षण : पेट को दबाकर दर्द का स्थान पता किया जाता है।
    - ब्लड टेस्ट: संक्रमण के संकेत
    - अल्ट्रासाउंड या CT स्कैन : लिम्फ नोड्स की सूजन का आकार, और स्थिति देखने के लिए।
    ५) मेसेन्टेरिक लिम्फ नोड्स के रोकथाम उपाय?
    - स्वच्छता का ज्यादा ध्यान रखें
    - संक्रमित मरीज से दूरी बनाएँ
    - खाने से पहले साबुन से हाथ धोना
    - बच्चों को खुले में खेलने के बाद हाथ धोने की आदत डालें

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  • Liver failure treatment in homeopathy | लिवर फेलियर में होम्योपैथी कैसे काम करती है? | Liver failure
    Jul 3 2025

    १) लीवर सिरोसिस क्या है ?
    लीवर सिरोसिस को हम यकृत का सिरोसिस के नाम से भी जानते है ,यह गंभीर बीमारी है ,जिसमें लीवर की कोशिकाएं धीरे-धीरे खत्म होने लग जाती है और उनकी जगह कठोर ऊतक बनने लग जाते है।
    - यह स्थिति लीवर के कार्यों में बाधा करती है,अगर उचित समय पर उपचार न हो, तो यह बीमारी जानलेवा भी साबित हो सकती है।
    २) लीवर सिरोसिस होने के क्या कारण है ?
    लीवर सिरोसिस कई कारणों से हो सकता है, जो की निचे बताये गए अनुसार है,
    - ज्यादा शराब सेवन : – अधिक समय तक शराब पीने से लीवर की कोशिकाएं खत्म हो जाती है।
    - वायरल संक्रमण होने से लीवर को नुकसान पहुँचाते हैं।
    - नॉन-ऐल्कोहोलिक फैटी लिवर डिजीज : – मोटापा, मधुमेय और उच्च कोलेस्ट्रॉल जैसे कारणों से लीवर में चर्बी जमने लग जाती है।
    - जेनेटिक रोग:- अगर पारिवारिक में कोई को भी यह बीमारी है , तो इसके बढ़ने के खतरा ज्यादा है।
    ३) लीवर सिरोसिस होने के क्या लक्षण होते है?
    लीवर सिरोसिस होने के लक्षण निचे बताया है ,जैसे की ,
    - लगातार थकान लगना
    - भूख में कमी का होना
    - पेट फूलना या दर्द का होना
    - आंखों का पीला हो जाना
    - पैरों में सूजन का आना
    - उल्टी या मल में से खून का आना
    - मानसिक भ्रम होना
    ४) लीवर सिरोसिस का सही इलाज क्या है?
    लीवर सिरोसिस का कोई पूरी तरह से इलाज नहीं है, पर सही उपचार और जीवनशैली में बदलाव करके इसे कम किया जा सकता है।
    1. शराब से परहेज :- शराब से दूरी बनाना बहुत ही जरूरी है।
    - वायरल हेपेटाइटिस का इलाज :- सिरोसिस हेपेटाइटिस B या C के कारण है तो एंटीवायरल दवाइयों का कोर्स दिया जाता है।
    2 . पोषण और आहार लीवर सिरोसिस वाले पेशेंट को खास डाइट प्लान का उपयोग करना चाहिए।
    - प्रोटीन :- कम मात्रा में उच्च गुणवत्ता वाला प्रोटीन लेना चाहिए। जैसे की अंडा, दाल, पनीर ।
    - नमक : कम मात्रा में लें
    - शराब और वसायुक्त खाद्य पदार्थों से दुरी रखना ।
    3 . जीवनशैली में बदलाव करना
    - शरीर के वजन को कण्ट्रोल में रखने के लिए रोज कसरत करना अच्छा होता है
    - धूम्रपान या शराब से दूर रहें।
    4 . लीवर सिरोसिस से उत्पन्न होने वाली समस्याएं
    - (पेट में पानी भर जाना): - यदि पेट की नसें फट जाएं तो एंडोस्कोपी के द्वारा इलाज होता है।

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  • pseudocyst of pancreas treatment in hindi | Pancreatitis cystic | Pseudo pancreatic cyst | pancreas
    Jun 28 2025
    १) पैंक्रियाटिक स्यूडोसिस्ट कैसे होता है?अग्नाशय में सूजन या चोट लग जाने से होती है, तो पाचन एंजाइम लीक होने लग जाते हैं और अग्नाशय के आसपास के ऊतकों में जमा होने लग जाते हैं, जिससे स्यूडोसिस्ट का निर्माण होता है। - यदि इसका समय पर सही इलाज न किया जाये तो ये आगे चल कर खतरा हो सकता है।२) पैंक्रियाटिक स्यूडोसिस्ट के क्या कारण दिखाई देते है?पैंक्रियाटिक स्यूडोसिस्ट के कारण निचे बताये गए अनुसार हो सकते है ,जैसे की - पित्त में पथरी का होना - शराब का ज्यादा सेवन करना - डक्ट सिस्टम में ब्लॉकेज- अग्न्याशय में संक्रमण : अगर अग्न्याशय में संक्रमण हो तो वहाँ की कोशिकाएं नष्ट हो जाएँ, जिस से तरल पदार्थ एकत्रित कर सकती हैं, जो आगे चलकर स्यूडोसिस्ट बन जाता है।- अग्न्याशय में चोट३) पैंक्रियाटिक स्यूडोसिस्ट के क्या लक्षण होते है?कुछ स्यूडोसिस्ट बिना किसी लक्षण के भी हो सकते हैं, परंतु जब सिस्ट बड़ा हो जाता है या दबाव डालता है तो ये लक्षण सामने आ सकते हैं: -पेट में ऊपरी हिस्से में दर्द - सूजन या भारीपन महसूस होना - उल्टी या मतली - पाचन संबंधी समस्याएं - भूख में कमी - पीलिया ४) पैंक्रियाटिक स्यूडोसिस्ट के लिए क्या-क्या जांच होते है?पैंक्रियाटिक स्यूडोसिस्ट की पुष्टि के लिए निम्नलिखित परीक्षण किए जाते हैं: - अल्ट्रासाउंड - सीटी स्कैन : सिस्ट के आकार का पता करने के लिए - एमआरआई या एमआरसीपी : पैंक्रियाटिक डक्ट की स्थिति देखने के लिए - एंडोस्कोपिक अल्ट्रासाउंड : ज्यादा सटीक और बायोप्सी के लिए५) पैंक्रियाटिक स्यूडोसिस्ट का क्या उपचार है ?इलाज इस पर निर्भर करता है कि सिस्ट का आकार कितना है, लक्षण हैं या नहीं, और कोई जटिलता तो नहीं है। 1. निगरानी (Observation) यदि सिस्ट छोटा (5 सेमी से कम) है, बिना लक्षण है और कोई जटिलता नहीं है, तो इसे 4–6 सप्ताह तक निगरानी में रखा जा सकता है। CT या MRI द्वारा फॉलोअप किया जाता है। कई बार ऐसे सिस्ट अपने आप ठीक हो जाते हैं। 2. एंडोस्कोपिक ड्रेनेज (Endoscopic Drainage) यदि सिस्ट बड़ा हो गया है या लक्षण दे रहा है, तो एंडोस्कोपी द्वारा सिस्ट से द्रव निकाला जाता है। इसके लिए मुंह के माध्यम से एक ट्यूब डाली जाती है जो सिस्ट में जाकर फ्लूइड बाहर निकालती है। 3. पर्क्यूटेनियस ड्रेनेज (Percutaneous Drainage) अल्ट्रासाउंड या CT के गाइड से, पेट की त्वचा से ...
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  • Ulcerative colitis : pathophysiology, symptoms, diet plan , and treatment | अल्सरेटिव कोलाइटिस
    Jun 27 2025

    १) अल्सरेटिव कोलाइटिस क्या है?
    अल्सरेटिव कोलाइटिस लम्बे समय तक सूजन की आंत विकार है, जो मुख्य रूप से बड़ी आंत और मलाशय के अंदर परत को असर करता है।
    - इस में आंतों की परतों पर सूजन और घाव बन जाते हैं ,जिस से दस्त, पेट में दर्द, रक्तस्राव, थकावट जैसी समस्याएं होती हैं।
    - इसका इलाज सही समय पर न किया जाए तो यह भी बीमारी जटिल हो जाती है।
    २) अल्सरेटिव कोलाइटिस होने पर क्या लक्षण दिखाई देते है?
    अल्सरेटिव कोलाइटिस के लक्षण निचे अनुसार हो सकते है, जैसे की ,
    - कभी-कभी खून के साथ दस्त
    - पेट में ऐंठन का होना
    - बुखार
    - वज़न का घट जाना
    - मलाशय में जलन का होना
    ३) अल्सरेटिव कोलाइटिस होने पर क्या कारण होते है?
    अल्सरेटिव कोलाइटिस होने के कारण निचे बताये गए है, जो की इस प्रकार से है.
    - स्वप्रतिरक्षी प्रतिक्रिया : ये शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली आंतों में स्वस्थ ऊतकों पर हमला करती है.
    - आनुवंशिकी : यदि उनके परिवार में यह बीमारी है. तो इसका होने का खतरा ज्यादा होता है।
    - पर्यावरणीय कारक
    - आंत का माइक्रोबायोम : आंतों में होने वाले बैक्टीरिया , वायरस और कवक का मिश्रण, जिसे हम माइक्रोबायोम भी कहते है।
    - तनाव
    - आयु

    ४ ) अल्सरेटिव कोलाइटिस होने पर खान-पान और जीवनशैली में बदलाव?
    ( 1 ) खाने में क्या लेना चाहिए।
    - खिचड़ी, दही-चावल - उबली हुई सब्जियाँ
    - नारियल पानी या हर्बल चाय
    ( 2 ) खाने में क्या न खाएं।
    - अधिक मसालेदार खाना नहीं खाना चाहिए।
    - डेयरी उत्पाद
    ( 3 ) जल का सेवन - दिन भर में उचित पानी पिएं
    - नारियल पानी और ग्लूकोज का पानी बहुत ही अच्छा होता है।

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  • Enlarged mesenteric lymph nodes treatment पेट के आंतों की सूजन का इलाज lymph nodes ka best ilaj
    Jun 14 2025

    Enlarged mesenteric lymph nodes treatment पेट के आंतों की सूजन का इलाज lymph nodes ka best ilaj

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  • क्या होता है Wilson disease |Wilson_disease symptoms, diagnosis, causes and homeopathy remedies
    Jun 14 2025

    क्या होता है Wilson disease |Wilson_disease symptoms, diagnosis, causes and homeopathy remedies

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