TU HI THI... Podcast Por  arte de portada

TU HI THI...

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तू कहती थी तेरी ही हूँ मैं

तू कहती थी तेरी रहूंगी बगावत भी कर लूँगी जग से तेरी होने को सब कुछ सहूंगी समंदर की तरहा तू रहना मैं नदिया सी संग संग बहूँगी दर्द तूने दिया मर मिटा मैं लोग कहते हैं तू बेगुनाह थी आखिरी सांस तक तुझको चाहूँ तू क्या जाने तू मेरा खुदा थी बेपनाह इश्क़ करता था तुझसे मेरे जीने की तू ही वज़ह थी

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