निराला ने रेडियो एंकर का गला क्यों पकड़ लिया? : क़िस्सागोई Ep 52 Podcast Por  arte de portada

निराला ने रेडियो एंकर का गला क्यों पकड़ लिया? : क़िस्सागोई Ep 52

निराला ने रेडियो एंकर का गला क्यों पकड़ लिया? : क़िस्सागोई Ep 52

Escúchala gratis

Ver detalles del espectáculo

Acerca de esta escucha

स्पेशल सीरीज़ ‘क़िस्सागोई’ में आपको लखनऊ समेत दुनिया जहान के किस्से सुनाएंगे. ये कहानियां आप तक पहुंचाएंगे ‘क़िस्सा-क़िस्सा लखनउवा’ किताब के लेखक और मशहूर दास्तानगो हिमांशु बाजपेयी. आज की सीरीज़ में किस्सा महाकवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला का. जब ऑल इंडिया रेडियो के कई जगह दफ़्तर बने तब ज्यादातर उर्दू के एंकर हुआ करते थे जिन्हें हिंदी की बिल्कुल समझ नहीं थी. ऐसे में हिंदी के लोगों ने ख़ासकर साहित्यकारों ने रेडियो में जाने से परहेज़ रखा था. लेकिन जब एक बार निराला गए तो क्या हुआ ख़ुद सुनिए
adbl_web_global_use_to_activate_webcro805_stickypopup
Todavía no hay opiniones